राहुल गांधी बोले- सेना को पूरी आजादी देनी होती; लोकसभा में कहा- सरकार ने महज 30 मिनट में ही सरेंडर कर दिया, इससे गलत संदेश गया

राहुल गांधी बोले- सेना को पूरी आजादी देनी होती; लोकसभा में कहा- सरकार ने महज 30 मिनट में ही सरेंडर कर दिया, इससे गलत संदेश गया

Rahul Gandhi Speech in Lok Sabha Operation Sindoor and Pahalgam Attack

Rahul Gandhi Speech in Lok Sabha Operation Sindoor and Pahalgam Attack

Rahul Gandhi in Lok Sabha: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान सबसे पहले तो पहलगाम हमले को क्रूर और निंदनीय बताया। इसके बाद सरकार को निशाने पर लेते हुए यह दावा किया कि सरकार ने महज 30 मिनट में ही सरेंडर कर दिया था। दरअसल राहुल ने कहा कि पहलगाम में एक क्रूर और निर्दयी हमला हुआ, जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सरकार द्वारा आयोजित और सुनियोजित था। युवा और बुजुर्ग लोगों को बेरहमी से मार दिया गया। इस सदन में मौजूद हर व्यक्ति ने एकजुट होकर पाकिस्तान की निंदा की।

वहीं राहुल गांधी ने कहा कि जिस क्षण ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, बल्कि शुरू होने से पहले ही विपक्ष और सभी दलों ने यह प्रतिबद्धता जताई कि हम सेना और भारत की चुनी हुई सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं, लेकिन हमने कुछ नहीं कहा। यह एक ऐसी बात थी जिस पर इंडिया गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेतृत्व सहमत थे। हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में हम एकजुट रहें, जैसा कि हमें होना चाहिए था

राहुल ने कहा कि, टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना को पूरी आजादी देनी होती है और इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। राहुल गांधी ने सैम मानेकशॉ का जिक्र करते हुए कहा कि 1971 में मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी से ऑपरेशन के लिए छह महीने का समय मांगा था, क्योंकि वह गर्मियों में ऑपरेशन करना चाहते थे। इंदिरा गांधी ने उन्हें पूरी छूट और समय दी। 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह किए बिना मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। इसके बाद एक नया देश बना।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने पाकिस्तान को सुबह 1:35 बजे सूचित किया कि हमने उनके आतंकी ठिकानों पर हमला किया है और दावा किया कि यह कदम तनाव बढ़ाने वाला नहीं था, लेकिन आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि सरकार में युद्ध लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने हमारे पायलटों की स्वतंत्रता को बंधन में जकड़ दिया, जिससे उनकी क्षमता पर अंकुश लगा। इनपुट- आईएएनएस